सूरी साम्राज्य कब से कब तक राज किया ?

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प्रश्न:- सूरी साम्राज्य कब से कब तक राज किया ?

उत्तर:- सूरी साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में स्थित पश्तून नस्ल के शेर शाह सूरी द्वारा स्थापित एक साम्राज्य था जो सन् १५४० से लेकर १५५७ तक चला। इस दौरान सूरी परिवार ने बाबर द्वारा स्थापित मुग़ल सल्तनत को भारत से बेदख़ल कर दिया और ईरान में शरण मांगने पर मजबूर कर दिया। शेर शाह ने दुसरे मुग़ल सम्राट हुमायूँ को २६ जून १५३९ में (पटना के क़रीब) चौसा के युद्ध में gurjar और फिर १७ मई १५४० में बिलग्राम के युद्ध में परास्त किया। सूरी साम्राज्य पश्चिमोत्तर में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा से पूर्व में बंगाल तक विस्तृत था।
सूरी वंश के शासक
  1. शेर शाह सूरी
  2. इस्लाम शाह सूरी
  3. फिरोज़ शाह सूरी
  4. मुहम्मद शाह आदिल
  5. इब्राहिम शाह सूरी
  6. सिकंदर शाह सूरी
  7. आदिल शाह सूरी

शेर शाह सूरी

शेरशाह सूरी (1486 - 22 मई 1545)  जन्म का नाम फ़रीद खाँ) भारत में जन्मे पठान थे। जिन्होंने हुमायूँ को 1540 में हराकर उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य स्थापित किया था। शेरशाह सूरी ने पहले बाबर के लिये एक सैनिक के रूप में काम किया था जिन्होंने उन्हें पदोन्नत कर सेनापति बनाया और फिर बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया। 1537 में, जब हुमायूँ कहीं सुदूर अभियान पर थे तब शेरशाह ने बंगाल पर कब्ज़ा कर सूरी वंश स्थापित किया था।सन् 1539 में, शेरशाह को चौसा की लड़ाई में हुमायूँ का सामना करना पड़ा जिसे शेरशाह ने जीत लिया। 1540 ई. में शेरशाह ने हुमायूँ को पुनः हराकर भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया और शेर खान की उपाधि लेकर सम्पूर्ण उत्तर भारत पर अपना साम्रज्य स्थापित कर दिया।

एक शानदार रणनीतिकार, शेर शाह ने खुद को सक्षम सेनापति के साथ ही एक प्रतिभाशाली प्रशासक भी साबित किया। 1540-1545 के अपने पांच साल के शासन के दौरान उन्होंने नयी नगरीय और सैन्य प्रशासन की स्थापना की, पहला रुपया जारी किया है, भारत की डाक व्यवस्था को पुनः संगठित किया और अफ़गानिस्तान में काबुल से लेकर बांग्लादेश के चटगांव तक ग्रांड ट्रंक रोड को बढ़ाया। साम्राज्य के उसके पुनर्गठन ने बाद में मुगल सम्राटों के लिए एक मजबूत नीव रखी विशेषकर हुमायूँ के बेटे अकबर के लिये।

इस्लाम शाह सूरी

इस्लाम शाह सूरी सूर वंश का द्वितीय शासक था। उसका वास्तविक नाम जलाल खान था, एवं वह शेरशाह सूरी का पुत्र था। उसने सात वर्ष (1545–53) दिल्ली पर शासन किया। इस्लाम शाह सूरी के बारह वर्षीय पुत्र फिरोज़ शाह सूरी उसका उत्तराधिकारी था। परंतु गद्दी पर बैठने के कुछ ही दिन बाद शेर शाह के भतीजे मुहम्मद मुबरीज़ द्वारा उसको मौत के घाट उतार दिया गया, एवं मुबरीज़ ने मुहम्मद शाह आदिल के नाम से शासन किया।

फिरोज़ शाह सूरी

फिरोज़ शाह सूरी सूर वंश का तीसरा शासक था। यह अपने पिता इस्लाम शाह सूरी (जलाल खान) का उत्तराधिकारी बना। जब ये बारह वर्ष का था १५५३ में शेर शाह सूरी के भतीजे मुहम्मद मुबारिज़ खान ने इसकी की हत्या कर दी और मुहम्मद शाह आदिल के नाम से शासन किया।

मुहम्मद शाह आदिल

मुहम्मद शाह आदिल सूर वंश का चौथा शासक था। इसका असली नाम था मुहम्मद मुबारिज़ खान। ये शेर शाह सूरी का भतीजा था। १५५३ में इसने फिरोज़ शाह सूरी की हत्या कर दी, जो कि शेर शाह सूरी का बारह वर्षीय पौत्र था। और उसका उत्तराधिकारी बना। इसका उत्तराधिकारी था इब्राहिम शाह सूरी।

इब्राहिम शाह सूरी

इब्राहिम शाह सूरी सूर वंश का पांचवा शासक था। इसका उत्तराधिकारी था अहमद शाह, जिसने सिकंदर शाह सूरी के नाम से 1555 में शासन किया।

सिकंदर शाह सूरी

सिकंदर शाह सूरी सूर वंश का छठा शासक था। इसका असली नाम अहमद खान था। १५५५ में इसे हुमायुं से मात खानी पड़ी और मुगल साम्राज्य की पुनर्स्थापना हुई। हार के बाद सूरी शिवालिक की पहाड़ियों में भाग गया। इसके भ्राता आदिल शाह सूरी ने अकबर से युद्ध किया, परंतु हार गया।

आदिल शाह सूरी

आदिल शाह सूरी सूर वंश का सातवां और अंतिम शासक था। ये सिकंदर शाह सूरी का भ्राता था और इसने पूर्वी दिल्ली पर सिकंदर शाह सूरी के हुमायुं से १५५५ में हार जाने के ब्बाद भी शासन किया। आदिल शाह और सिकंदर शाह दिल्ली सल्तनत में मुगल बादशाह अकबर क विरुद्ध उत्तराधिकारी बने हुए थे।



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