भौतिक जगत

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1 . भौतिक शास्त्र है
( i ) भौतिक विषयों का अध्ययन
( ii ) भौतिक वस्तुओं का अध्ययन
( ii ) प्रकृति के विभिन्न घटनाक्रमों का अध्ययन
( iv ) विकल्प ( ii ) एवं ( iii ) दोनों
उत्तर - ( iv ) विकल्प ( ii ) एवं ( iii ) दोनों

प्रश्न 2 . नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय वैज्ञानिक थे
( i ) श्री जे०सी० बोस
( ii ) एच०जे० भाभा
( iii ) एम० एन० शाह
( iv ) सर सी०वी० रमन
उत्तर - ( iv ) सर सी०वी० रमन

प्रश्न 3 . गुरुत्वाकर्षण की खोज की
( i ) बेथे ने
( ii ) आइन्सटाइन ने
( iii ) न्यूटन ने
( iv ) रदरफोर्ड ने
उत्तर - ( iii ) न्यूटन ने

प्रश्न 4 . रेडियोधर्मिता की खोज किसके द्वारा की गयी ?
( i ) चैडविक
( ii ) रदरफोर्ड की
( iii ) बेकुरल
( iv ) रॉजन
उत्तर ( iii ) बेकुरल

प्रश्न 5 . प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर का आविष्कार हुआ
( i ) 1942 में
( ii ) 1946 में
( iii ) 1947 में
( iv ) 1948 में
उत्तर - ( ii ) 1946 में

प्रश्न 6 . अब्दुत सलाम को निम्न में से किस क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ ?
( i ) अणुओं द्वारा प्रकाश का अप्रत्यास्थ प्रकीर्णन
( ii ) दुर्बल तथा विद्युत चुम्बकीय बलों का एकीकरण
( iii ) अति चालकता
( iv ) लेसर तकनीक
उत्तर - ( ii ) दुर्बल तथा विद्युत चुम्बकीय बलों का एकीकरण

प्रश्न 7 . टेलीविजन का आविष्कार किया
( i ) राइट ब्रदर्स ने
( ii ) मूलर ने
( iii ) बेयर्ड ने
( iv ) गोडार्ड ने
उत्तर - ( iii ) बेयर्ड ने

प्रश्न 8 . डी - ब्रॉगती सम्बन्धित है
( i ) जर्मनी से
( ii ) इंग्लैण्ड से
( iii ) फ्रांस से
( iv ) अमेरिका से
उत्तर - ( iii ) फ्रांस से

प्रश्न 9 . परमाणु के नाभिक की खोज की थी
( i ) न्यूटन
( ii ) थॉमसन
( iii ) रदरफोर्ड
( iv ) मैक्सवेल
उत्तर - ( ii ) रदरफोर्ड

प्रश्न 10 . द्रव्यमान - ऊर्जा की तुल्यता किस वैज्ञानिक ने स्थापित की ?
( i ) जूल
( ii ) न्यूटन
( iii ) आइन्सटाइन
( iv ) फैराडे
उत्तर - ( ii ) आइन्सटाइन

प्रश्न 11 . प्रकृति में पाया जाने वाला सबसे अधिक निर्बल बल है ।
( i ) गुरुत्वाकर्षण बल
( ii ) वैद्युत चुम्बकीय बल
( iii ) दुर्बल नाभिकीय बल
( iv ) प्रबल नाभिकीय बल
उत्तर - ( i ) गुरुत्वाकर्षण बल

प्रश्न 12 . प्रबल नाभिकीय बल विद्युत चुम्बकीय बलों की अपेक्षा होता है
( i ) 100 गुना क्षीण
( ii ) 100 गुना प्रबल
( iii ) 10 गुना क्षीण
( iv ) 10° गुना प्रबल
उत्तर - ( ii ) 100 गुना प्रबल

मात्रक एवं मापन का प्रश्न यहां से पढ़े

अतिलघु उत्तरीय प्रश्र
प्रश्न 1 . भौतिकी क्या है ?
उत्तर - भौतिकी विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत प्रकृति एवं प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन किया जाता है ।

प्रश्न 2 . उस वैज्ञानिक का नाम लिखिए जिसने x - किरणों की खोज की ।
उत्तर - डब्ल्यू० के० रॉजन ।

प्रश्न 3 . उस वैज्ञानिक का नाम बताइये जिसे विज्ञान की दो पृथक - पृथक शाखाओं में नोबेल पुरस्कार मिला ।
उत्तर - मैडम मेरी स्कलेडोवेक क्यूरी ( Skladowak Curie ) को भौतिकी में वर्ष 1903 में तथा रसायन विज्ञान में वर्ष 1911 में नोबेल पुरस्कार मिला ।

प्रश्न 4 . बेतार सन्देश के आविष्कारक का नाम क्या है ?
उत्तर - बेतार सन्देश के आविष्कारक जी० मार्कोनी थे ।

प्रश्न 5 . मैक्सवेल का नाम किस वैज्ञानिक सिद्धान्त से सम्बद्ध है ?
उत्तर - वैद्युत चुम्बकीय सिद्धान्त

प्रश्न 6 . द्रव्यमान तथा ऊर्जा का तुल्यता का नियम बताइए तथा इसका एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर - आइन्सटाइन के अनुसार , द्रव्यमान तथा ऊर्जा पृथक् - पृथक् अस्तित्व वाली भौतिक राशियाँ नहीं हैं , बल्कि एक ही राशि के दो रूप हैं । द्रव्यमान को ऊर्जा में तथा ऊर्जा को द्रव्यमान में बदला जा सकता है । द्रव्यमान तथा ऊर्जा के बीच तुल्य सम्बन्ध , E = mc², जहाँ E ऊर्जा तथा m द्रव्यमान है । इसके अनुसार यदि ऊर्जा E विलुप्त हो जाए , तो द्रव्यमान m बढ़ जाता है और यदि द्रव्यमान m नष्ट हो जाए तो इसके समतुल्य ऊर्जा E उत्पन्न होती है ।
उदाहरण - सूर्य पर चल रही नाभिकीय संलयन की क्रियाओं में सर्य का द्रव्यमान निरन्तर ऊर्जा में परिवर्तित हो रहा है ।

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 . " प्रत्येक महान भौतिक सिद्धान्त अपसिद्धान्त से आरम्भ होकर धर्मसिद्धान्त के रूप में समाप्त होता है । " इस तीक्ष्ण टिप्पणी की वैधता के लिए विज्ञान के इतिहास से कुछ उदाहरण लिखिए ।
उत्तर - पारम्परिक रूढ़िवादी विचारधारा के विरोध में प्रगट किया गया मत मात्र किवदन्ती माना जाता है और सर्वमान्य निविरोध माना जाने वाला तथ्य नियम होता है । कोपरनिकस का जिओसैन्ट्रिक सिद्धान्त प्रारम्भ में एक किवदन्ती के रूप में चर्चा का विषय बना , किन्तु टाइकोब्राहं तथा जॉन्स कैपलर द्वारा प्रतिपादित और समर्पित पाये जाने के उपरान्त उसको सर्वमान्य रूप से मान लिया गया । अत : यह नियम बन गया ।

प्रश्न 2 . “ सम्भव की कला ही राजनीति है । " इसी प्रकार “ समाधान की कला ही विज्ञान है । " विज्ञान की प्रकृति तथा व्यवहार पर इस सुन्दर सूक्ति की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर - राजनीति में सब कुछ सम्भव होता है । राजनीतिज्ञ अवसरवादी होते हैं । उनकी न कोई आचार संहिता होती है , न कोई नियम और न कोई उसूल । उनका एकमात्र लक्ष्य सत्ता में बना रहना होता है , साधन चाहे उचित हो अथवा अनुचित । किन्तु वैज्ञानिक घटनाओं का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करता है । समंक व संकलित करता है तथा उनका विश्लेषण करता है और प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर नियमों का प्रतिपादन करता है । इस प्रकार यह प्रकृति के रहस्यों का उद्घाटन करता है । उसका एकमात्र ध्येय नियमों का पालन तथा प्रतिपादन करना होता है ।


इकाई -1 स्थिर वैद्युतिकी ( Electrostatics )

प्रश्न 3 . दो शताब्दियों से भी अधिक समय पूर्व इंग्लैण्ड तथा पश्चिमी यूरोप में जो औद्योगिक क्रान्ति हुई थी उसकी चिंगारी का कारण कुछ प्रमुख वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक उपलब्धियाँ थीं । ये उपलब्धियों क्या थी ?
उत्तर - जिन मुख्य उपलब्धियों के कारण औद्योगिक क्रान्ति का जन्म हुआ है वह निम्न प्रकार से हैं
( i ) विद्युत की खोज से ऊर्जा प्राप्ति डाइनमो तथा मोटर की रूपरेखा ।
( ii ) ऊष्मा और ऊष्मागतिकी पर आधारित इंजन का आविष्कार ।
( iii ) हाथ की अपेक्षा कपास से 300 गुना गति से बिनौले अलग करने वाली सूती मशीन ।
( iv ) विस्फोटकों की खोज से न केवल सैन्य बलो , अपितु खनिज दोहन में भी आशातीत सफलता प्राप्त हुई है ।
( v ) लोहे को उच्च श्रेणी के स्टील में बदलने वाली ब्लास्ट भट्टी ।
( vi ) गुरुत्व के अध्ययन से गोलो / तोपो / बन्दूकों से गोली की गति के अध्ययन की खोज ।
प्रमुख वैज्ञानिकों के नाम की सूची निम्नवत् है -
( i ) क्रिश्चन हाइगेन , ( ii ) गैलिलियो गैलिली , ( iii ) माइकल फैराडे  ( iv ) आइजक न्यूटन

प्रश्न 4 . वैज्ञानिक विधि क्या है ? वैज्ञानिक विधि के विभिन्न चरणों की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर - भौतिक जगत की प्राकृतिक घटनाओं का क्रमबद्ध एवं सुव्यवस्थित ज्ञान प्राप्त करने के लिए जो विधि अपनायी जाती है , उसे वैज्ञानिक विधि कहते हैं । वैज्ञानिक विधि निम्नलिखित चार चरणों में पूर्ण की जाती है
1 . क्रमबद्ध प्रेक्षण Systematic observations - प्राकृतिक घटना अथवा अध्ययन के लिए चुनी गई समस्या से सम्बन्धित भौतिक राशियों के पर्याप्त संख्या में प्रेक्षण लिए जाते हैं और उन्हें सुव्यवस्थित करके उनका विश्लेषण किया जाता है ।
2 . परिकल्पना की रचना Construction of hypothesis - प्राप्त । प्रेक्षणों का विश्लेषण करने के लिए एक कार्यकारी मॉडल ( working model ) तैयार किया जाता है , जिसे परिकल्पना कहते हैं । इसमें समस्या को गणितीय रूप में अभिव्यक्त किया जाता है ।
3 . परिकल्पना का परीक्षण Testing of the hypothesis - बनाई गई । परिकल्पना का परीक्षण करने के लिए , उस परिकल्पना के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकाले जाते हैं एवं उनका सत्यापन करने के लिए नए प्रयोग भी किए जाते हैं ।
4 . सिद्धान्त की स्थापना Establishment of theory - यदि परिकल्पना सत्यापित हो जाती है , तो उसे अन्तिम सिद्धान्त मान लिया जाता है । यदि परिकल्पना सत्यापित नहीं हो पाती है तो उसमें संशोधन किए जाते हैं अथवा नई परिकल्पना तैयार की जाती है और उसके परीक्षण के लिए पुनः नये प्रयोग किए जाते हैं । इसी क्रम को तब तक जारी रखते हैं जब तक प्रयोगों द्वारा पूर्णतः सत्यापित अन्तिम सिद्धान्त प्राप्त न हो जाये ।

प्रश्न 5 . आवेश - संरक्षण का नियम लिखिए । उदाहरण दीजिए ।
उत्तर - जब दो वस्तुओं को परस्पर रगड़ा जाता है , तो दोनों वस्तुओं पर सोलर एक साथ विपरीत प्रकृति परन्तु समान परिमाण के आवेश उत्पन्न हो जाते हैं । अर्थात् दोनों वस्तुओं पर उत्पन्न आवेश की कुल मात्रा शून्य ही रहती है । इस बात को हम इस प्रकार भी कह सकते हैं कि " न तो आवेश उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है । " यह कथन ही आवश - सरक्षण का नियम ' ( Law of conservation of charge ) कहलाता है । प्रत्येक प्राकृतिक घटना में , जहाँ वैद्युत आवेश का आदान - प्रदान होता है , इस नियम को सत्य पाया गया है ।
उदाहरणार्थ - इलेक्ट्रॉन तथा पॉजिट्रॉन का संयोग आवेश - संरक्षण को प्रदर्शित करता है । इलेक्ट्रॉन पर ऋणावेश होता है तथा पॉजिट्रॉन पर ठीक इलेक्ट्रॉन के आवेश के बराबर परिमाण का धनावेश होता है । अत : दोनों के आवेश का कुल योग शून्य होता है । ये दोनों परस्पर संयोग करके दो y - प्रोटॉन उत्पन्न करते हैं जिसमें प्रत्येक पर आवेश शून्य ही होता है ।
अतः संयोग से पूर्व कुल आवेश = संयोग के पश्चात् कुल आवेश ।


भौतिक राशियों से संबंध

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 . भौतिकी का प्रौद्योगिकी से सम्बन्ध उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - भौतिकी तथा प्रौद्योगिकी के बीच सम्बन्ध - भौतिकी तथा प्रौद्योगिकी घनिष्ठ सम्बन्ध है । भौतिकी के सिद्धान्तों पर प्रौद्योगिकी को प्रयक्त कर अनेक मशीनें तथा उपकरण बनाए गए हैं जो समाज के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हुए हैं । इसके उदाहरण निम्नलिखित है
( i ) टेलीफोन , टेलीग्राफ और टेलेक्स के विकास से हम दूर तक बात कर सकते हैं और दूर तक समाचार भेज सकते हैं ।
( ii ) रेडियो , टेलीविजन और सैटेलाइट ( satellite ) के विकास से संचार साधन ( communication ) में क्रान्ति ( revolution ) आ गयी ।
( iii ) इलेक्ट्रॉनिक ( electronic ) , कम्प्यूटर , लेसर ( laser ) के विकास से समाज ( society ) को अत्यधिक लाभ हुआ है ।
( iv ) विद्युत - चुम्बकीय प्रेरण ( electro - magnetic induction ) के सिद्धान्त पर विद्युत का उत्पादन आधारित है ।
( v ) ऊष्मागतिकी ( thermodynamics ) के नियम पर आधारित ऊष्मा इंजन , पेट्रोल इंजन , डीजल इंजन आदि से सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना ।
( vi ) न्यूक्लियर शृंखला अभिक्रिया ( nuclear chain Teaction ) को नियन्त्रित करके न्यूक्लियर रिएक्टर से शक्ति ( power ) का उत्पादन करना ।
( vii ) रकिट की उड़ान न्यूटन के गति के तीसरे नियम पर आधारित है ।
( viii ) बर्नोली के सिद्धान्त पर हवाई जहाज का उड़ना ।
( ix ) भौतिकी के अध्ययन से ही लेसर ( laser ) का आविष्कार हुआ है जिससे समाज को अधिक लाभ पहुंचा है।
( 5 ) x- किरणों का व्यवहार औषधि विज्ञान ( medical science ) में किया जाता है ।

प्रश्न 2 . प्रकृति के मूल बल कौन - कौन से हैं । प्रत्येक के प्रम लिखिए । उदाहरण सहित बलों के एकीकरण को समझाइए । प्रकृति के चार मल बल और या प्रकृति के चार मूल बल कौन - कौन से हैं ? उनका वर्णन कीजिए ।
उत्तर - प्रकृति के मूल बल - प्रकृति में चार प्रकार के मूल बल है जो निम्नलिखित हैं -
( 1 ) गुरुत्वाकर्षण बल , ( 2 ) विद्युत चुम्बकीय बल , ( 3 ) प्रबल नाभिकीय बल तथा ( 4 ) दुर्बल नाभिकीय बला

1.गुरुत्वाकर्षण बल - न्यूटन के अनुसार , ब्रह्माण्ड में प्रत्येक द्रव्य - कण दूसरे द्रव्य - कण . अपनी ओर आकर्षित करता है तो इन कणों के बीच एक आकर्षण बल लगता है । यही आकर्षण बल गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है । न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण बल के नियमानुसार , “ किन्हीं दो पिण्डों के बीच कार्यरत् गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है । " यह एक सार्वत्रिक बल है ।
अर्थात्           m₁m₂
            F∝-----------------
                        r²
                                 m₁m₂
=>                F=G -----------------
                                   r²
                                 
जहा m₁ m₂ = पिण्डों के द्रव्यमान तथा r = द्रव्यमानों के बीच की दूरी गुरुत्वाकर्षण बलों के गुण निम्नलिखित हैं - -
( i ) ये बल सदैव आकर्षणात्पक होते है तथा कभी भी प्रतिकर्षणात्मक नहीं होते हैं ।
( ii ) ये प्रकृति में सबसे दुर्बल बल होते हैं ।
( iii ) ये विस्तृत दूरियों पर भी कार्यरत् रहते हैं ।
( iv ) ये दूरी सम्बन्धी व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करते हैं ।
 ( v ) ये केन्द्रीय बल होते हैं अर्थात् दोनों वस्तुओं के केन्द्रों को जोड़ने वाली - रेखा के अनुदिश कार्य करते हैं ।
( vi ) ये जल संरक्षी बल होते हैं ।

2 . विद्युत चुम्बकीय बल - आवेशित कणों के बीच कार्यरत् बल को विद्युत चुम्बकीय बल कहते हैं । स्थिर आवेशित कणों के बीच कार्यरत् बल को कूलॉम के नियम द्वारा व्यक्त किया जाता है , इसीलिए इसे कूलॉम का नियम भी कहते हैं । कूलॉम के अनुसार , “ किन्हीं दो स्थिर बिन्दु आवेशों के बीच कार्यरत् स्थिरवैद्युत बल , आवेशों के परिमाणों के गणनफल के अनक्रमानपाती तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है । "
अर्थात्                    q₁q₂
                  F∝--------------------
                                 r²

                                   q₁q₂
                  F=k --------------------
                                      r²


जहाँ   q₁ , q₂ = कार्यरत् आवेश तथा r = कार्यरत् आवेशों के बीच की दूरी है । कार्यरत् वैद्युत बल आकर्षण प्रकृति का होता है । समान आवेशों के बीच कार्यरत् बल प्रतिकर्षण तथा असमान आवेशों के बीच विद्युत चुम्बकीय बलों के गुण निम्नलिखित है
( i ) ये बल आकर्षणात्मक अथवा प्रतिकर्षणात्मक हो सकते हैं ।
( ii ) ये बल कूलॉम के नियम का पालन करते हैं ।
( iii ) ये दूरी सम्बन्धी व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करते हैं ।
( iv ) दो प्रोटॉनों के बीच स्थिर वैद्युत बल किसी भी स्थिर दूरी के लिए गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना में 1036 गुना प्रबल होते हैं ।
( v ) ये अधिक दूरी तक प्रभावी नहीं होते हैं ।
( vi ) ये केन्द्रीय बल होते हैं ।
( vii ) ये संरक्षी बल होते हैं ।


3 . प्रबल नाभिकीय बल - वे बल जो एक नाभिक में न्यूट्रॉनों तथा प्रोटॉनों को परस्पर साथ - साथ बाँधे रखते हैं , प्रबल नाभिकीय बल कहलाते हैं । अतः । ये बल दो प्रोटॉनों अथवा दो न्यूट्रॉनों अथवा एक प्रोटॉन व एक न्यूट्रॉन के बीच कार्यरत् रहते हैं , जबकि ये कण परस्पर एक - दूसरे के काफी निकट होते हैं । जब दो न्यूक्लिऑन परस्पर 10⁻¹⁵ मीटर दूरी पर होते हैं तो उनके बीच प्रबल नाभिकीय आकर्षण बल इतनी ही दूरी पर स्थित दो प्रोटॉनों के बीच लगने वाले प्रतिकर्षणात्मक वैद्युत बल की तुलना में 10 गुना प्रबल होता है । प्रबल नाभिकीय बलों के गुण निम्नलिखित हैं
( i ) नाभिकीय बल आकर्षण बल हैं ।
( ii ) ये बल अत्यन्त प्रबल हैं । मानव जानकारी में अब तक जितने भी बल ज्ञात हैं उनमें सबसे अधिकतीव्र नाभिकीय बल ही हैं ।
( iii ) ये वैद्युत बल नहीं हैं । यदि ये वैद्युत बल होते तो इनके कारण प्रोटॉनों के बीच प्रतिकर्षण होता और नाभिक की संरचना सम्भव न हो पाती ।
( iv ) ये गुरुत्वीय बल भी नहीं हैं । दो न्यूक्लिऑनों के बीच गरुत्वीय बल बहुत क्षीण होते हैं , जबकि नाभिकीय बल अत्यन्त तीव्र हैं । अतः नाभिकीय बल मलतः गुरुत्वीय बल नहीं हो सकते ।
( v ) ये बल आवेश पर किसी प्रकार भी निर्भर नहीं करते अर्थात् विभिन्न न्यूक्लिऑनों के बीच ( जैसे - प्रोटॉन - प्रोटॉन के बीच , न्यूट्रॉन - न्यूट्रॉन के बीच , प्रोटॉन - न्यूट्रॉन के बीच ) बल एकसमान ( uniform ) होते है ।
( vi ) ये बल अत्यन्त लघु परिसर ( short range ) के हैं । अत : ये बहुत कम होते हैं दूरी ( केवल नाभिकीय व्यास , 10⁻¹⁵ मीटर के अन्दर ) तक ही प्रभावी
4 . दुबेल नाभिकीय बल - इन बलों की उत्पत्ति की खोज रेडियोधर्मिता में β - रूप की घटना के दौरान हुई । ये बल अल्प जीवन काल वाले कणों के बीच अन्योन्य प्रक्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न बल है । दुर्बल नाभिकीय बलों के गुण निम्नलिखित हैं
( i ) ये बल आकर्षणात्मक अथवा प्रतिकर्षणात्मक हो सकते हैं ।
( ii ) ये बल कूलॉम के नियम का पालन करते हैं ।
( iii ) ये दूरी सम्बन्धी व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करते हैं ।
( iv ) दो प्रोटॉनों के बीच स्थिर वैद्युत बल किसी भी स्थिर दूरी के लिए गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना में 10³⁶ गुना प्रबल होते हैं ।
( v ) ये अधिक दूरी तक प्रभावी नहीं होते हैं ।
( vi ) ये केन्द्रीय बल होते हैं ।
( vii ) ये संरक्षी बल होते हैं ।
( viii ) विद्युत चुम्बकीय बलों का क्षेत्र कण फोटॉन होता है जिस पर कोई आवेश नहीं होता है तथा जिसका विराम द्रव्यमान शून्य होता है ।
रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
बलों का एकीकरण - एकीकरण भौतिकी की मलभत खोज है । भौतिकी की महत्त्वपूर्ण उन्नति प्रायः विभिन्न सिद्धान्तों तथा प्रभाव क्षेत्रों के एकीकरण की ओर ले जाती है । न्यूटन ने पार्थिव तथा खगोलीय प्रभाव क्षेत्रों को अपने गुरुत्वाकर्षण के सर्वमान्य नियम के अधीन एकीकृत किया । ऑस्टेंड तथा फैराडे ने प्रायोगिक खोजों द्वारा दर्शाया कि व्यापक रूप में वैद्युत तथा चुम्बकीय परिघटनाएँ अविच्छेद्य हैं । मैक्सवेल की इस खोज ने , कि प्रकाश विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं , विद्युत चुम्बकत्व तथा प्रकाशिकी को एकीकृत किया । आइंस्टाइन ने गुरुत्व तथा विद्युत चुम्बकत्व को एकीकृत करने का प्रयास किया परन्तु अपने इस साहसिक कार्य में सफल न हो सके । परन्तु इससे भौतिक विज्ञानियों की , बलों के एकीकरण के उद्देश्य के लिए , उत्साहपूर्वक आगे बढ़ने की प्रक्रिया रुकी नहीं ।

नोट : यह प्रश्न विभिन्न स्रोतों से तथ्य एकत्रित कर बनायीं गयी है | यदि इसमें कोई त्रुटी पायी जाती है तो राहुल मास्टर माइंड संचालक की जिम्मेदारी नहीं होगी

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