प्राथमिक उपचार का प्रदर्शन Demonstration of First Aid


    उद्देश्य Object

    प्राथमिक उपचार का प्रदर्शन करना ।

    आवश्यक उपकरण / सामग्री Essential Apparatus / Materials

    • प्राथमिक उपचार किट
    • आवश्यक औषधियाँ
    • कृत्रिम श्वसन अवस्था सम्बन्धी चार्ट्स

    सुरक्षा सावधानियाँ / निर्देश Safety Precautions / Instructions

    1. मूर्छित या दुर्घटना की स्थिति में व्यक्ति को अतिशीघ्र प्राथमिक उपचार दें ।
    2. दुर्घटना घटने पर रोगी को कुछ समय तक खाने के लिए कुछ न दें , अन्यथा वह उल्टी कर सकता है ।
    3. रोगी के रक्तस्राव को जल्दी - से - जल्दी रोकने का प्रयल करें ।
    4. मूर्छित व्यक्ति की छाती व पेट पर चोट लगने की दशा में उसे नेल्सन की ' आर्म - लिफ्ट बैक ' एवं शैफर विधि से कृत्रिम श्वास न दें ।
    5. गम्भीर स्थिति होने से पूर्व रोगी को तत्काल ही अस्पताल पहुंचा दें ।

    कार्य विधि Working Method

    A. रक्तस्राव होने पर उपचार

    1. सर्वप्रथम रक्तस्त्राव की स्थिति सुनिश्चित करते हैं ।
    2. यदि सम्भव हो , तो घाव की जगह को हृदय से ऊपर की ओर उठाते हैं ।
    3. उसके पश्चात् रोगी की रक्तस्राव की जगह को कॉटन से साफ करते हैं ।
    4. कॉटन से रक्तस्राव की जगह पर लगभग 5 सेकण्ड तक दबाव बनाकर रखते हैं ।
    5. रक्तस्राव की जाँच करते हैं । यदि रक्तस्राव रुका नहीं हैं , तो पुनः कॉटन द्वारा 15 मिनट तक दबाव बनाते हैं ।
    6. घाव को साफ करके इस पर औषधि लगाकर पट्टी बाँध देते हैं ।
    7. अन्त में घायल व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाते हैं ।
    रक्तस्राव होने पर उपचार

    B. बेहोश व्यक्ति को कृत्रिम श्वसन के लिए तैयार करना

    1. सर्वप्रथम बेहोश व्यक्ति के कपड़े ढीले करते हैं जिससे कि श्वसन के दौरान कोई बाधा उत्पन्न न हो ।
    2. उसके पश्चात् बेहोश व्यक्ति के मुंह से कृत्रिम दाँत अथवा गुटखा आदि निकालकर , उसके मुँह को खुला रखते हैं ।
    3. बेहोश व्यक्ति को सावधानीपूर्वक जमीन पर लेटा देते हैं ।
    4. उपरोक्त प्रक्रिया में अधिक समय व्यर्थ न करते हुए कृत्रिम श्वसन प्रक्रिया को शीघ्र ही प्रारम्भ करते हैं ।
    5. यदि व्यक्ति के आन्तरिक भागों में घाव हो , तो प्रक्रिया में जल्दबाजी नहीं करते हैं ।
    6. बेहोश व्यक्ति को तुरन्त चिकित्सीय सहायता प्रदान करते हैं ।

    भार उठाने वाले उपकरणों की सुरक्षित हैण्डलिंग तथा सामयिक जाँच का प्रदर्शन एवं प्रयुक्त इंजन ऑयल का सुरक्षित निस्तारण

    C. मूर्छित होने पर उपचार

    बेहोश या मूर्छित व्यक्ति को कृत्रिम श्वास देने के लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनाई जाती हैं

    ( i ) नेल्सन की आर्म - लिफ्ट बैक प्रैशर विधि

    1. मूर्छित व्यक्ति को उल्टा लिटाते हैं और उसके हाथ मोड़कर एक हथेली , दूसरी हथेली पर रखकर सिर को हथेली पर रखते हैं । अपने दोनों घुटने बेहोश व्यक्ति के हाथ के पास टिकाते हैं ।
    2. आगे की ओर थोड़ा झुकते हुए मूर्छित व्यक्ति की पीठ पर निरन्तर दबाव बनाते हुए उसके फेफड़ों से हवा बाहर निकालते हैं ।
    प्राथमिक उपचार का प्रदर्शन Demonstration of First Aid
    3. उपरोक्त क्रिया को करने के पश्चात् मूर्छित व्यक्ति के हाथों को कोहनी के ठीक ऊपर से पकड़कर रखते हैं ।
     4. मूर्छित व्यक्ति की बाहों को अपने पीछे की ओर तब तक खींचते हैं , जब तक कि बाहों में खिंचाव का अनुभव नहीं होता हैं । इसके पश्चात् अपने हाथों को पूर्व स्थिति की भाँति घुमाते हैं ।


    5. उपरोक्त प्रक्रिया तब तक दोहराते हैं , जब तक कि व्यक्ति होश में नहीं आ जाता है ।
    6. व्यक्ति के होश में आने के उपरान्त उसके रक्त प्रवाह को दुरुस्त रखने के लिए उसे कम्बल से ढककर गरम पानी की बोतल या गर्म ईंटों की सहायता से सिकाई करके गरम रखते हैं ।
    7. इसके पश्चात् रोगी को विश्राम करने के लिए छोड़ देते हैं ।

    कार्यशाला में स्वच्छता एवं अनुरक्षण की महत्ता | Importance of Cleanliness and Maintenance in Workshop

    ( ii ) शैफर विधि

    इस विधि के अन्तर्गत मूर्छित व्यक्ति को निम्न चरणों में होश में लाया जाता है
    1. मूर्छित व्यक्ति को चित्रानुसार उल्टा लिटाकर उसका एक हाथ सीधा ऊपर की ओर तथा दूसरा हाथ कोहनी से मोड़कर रखते हैं । उसके चेहरे को मुड़े हाथ की हथेली पर रखते हैं ।
    2. मूर्छित व्यक्ति के पैर को सीधा फैलाकर अपने हाथों को उसकी पसलियों से सटा देते है तथा पसलियों पर धीरे - धीरे दबाव देकर उसके फेफड़ों से हवा निकालते हैं ।

    3. तदोपरान्त बेहोश व्यक्ति के ऊपर से वजन हटाकर पीछे की ओर हट जाते है ।
    4. मूर्छित व्यक्ति के होश में न आने की दशा में उपरोक्त प्रक्रिया पुनः दोहराते हैं ।

    ( iii ) मुँह पर मुँह रखकर होश में लाना

    इस विधि के अन्तर्गत मूर्छित व्यक्ति को निम्नलिखित चरणों का प्रयोग करके होश में लाने का प्रयास किया जाता है
    1. सर्वप्रथम मूर्छित व्यक्ति को सीधा लिटाकर उसकी गर्दन के पास कंधे के नीचे कपड़े का गोला या तकिया रखते हैं , जिससे उसका सिर अच्छी तरह पीछे हो जाता है ।
    2. मूर्छित व्यक्ति की गर्दन को पीछे की ओर झुकाते हैं ।
    3. अपने हाथों की अंगुलियों की सहायता से रोगी के जबड़े को खोलते हैं ।
    4. लम्बी साँस लेकर रोगी के मुंह - से - मुंह मिलाकर तथा रोगी की नाक को बन्द करके उसके मुंह में धीरे - धीरे तब तक हवा भरते हैं जब तक कि रोगी की छाती फूल नहीं जाती है ।

    5. उपरोक्त प्रक्रिया को जल्दी - जल्दी कम - से - कम एक मिनट में 12 बार दोहराते हैं ।

    ( iV ) नाक पर मुँह रखकर होश में- लाना

    इस विधि के अन्तर्गत मूर्छित व्यक्ति को निम्नलिखित चरणों का प्रयोग करके होश में लाने का प्रयास किया जाता है
    1. सर्वप्रथम रोगी को सीधा लिटाकर अपने हाथ की अंगुलियों से उसके होठों को दृढ़ता से बन्द करते हैं ।
    2. रोगी की नाक से अपना मुंह सटाकर तब तक हवा भरते है , जब तक कि रोगी की छाती फूल नहीं जाती है । इस क्रिया के पश्चात् अपना मुँह हटा लेते हैं ।
    3. उपरोक्त प्रक्रिया को जल्दी - जल्दी कम - से - कम एक मिनट में 10 से 15 बार दोहराते हैं तथा चिकित्सक के आने तक इस प्रक्रिया को निरन्तर करते हैं ।

    ( v ) दिल के दौरे से पीड़ित व्यक्ति को होश में लाना

    1. सर्वप्रथम दिल के दौरे ( cardiac arrest ) से पीड़ित व्यक्ति या रोगी की गर्दन में कार्डियक नब्ज ( cardiac pulse ) पर हाथ रखकर दौरे की जांच करते हैं ।
     2. दिल का दौरा प्रमाणित होने के उपरान्त रोगी को पीठ के बल सीधा लिटाते हैं ।
    3. रोगी को छाती पर अपना हाथ रखकर पसलियों को ढूंढते है ।


    4. रोगी की पसलियों के बीच में एक हाथ की हथेली को रखकर दूसरे हाथ की हथेली को उसके ऊपर रखते हैं ।
    5. दूसरे हाथ की हथेली से पहले हाथ की हथेली पर तेजी से दबाव डालते है तथा हटाते है ।

    6. उपरोक्त प्रक्रिया तीव्रता से लगभग 15 बार दोहराते है ।
    7. पुन : रोगी की कार्डियक नब्ज की जांच करते है ।
    8. रोगी को मुंह - से - मुंह मिलाकर कृत्रिम श्वास देते हैं तथा नब्ज की जाँच करते हैं ।
    9. उपरोक्त प्रक्रिया तब तक दोहराते हैं , जब तक कि रोगी की धड़कन वापस नहीं आ जाती और कृत्रिम श्वसन तब तक जारी रखते हैं , जब तक कि रोगी सामान्य स्थिति में नहीं आ जाता है ।
    10. रोगी के सामान्य हो जाने के उपरान्त उसे लिटा देते हैं और आगे की चिकित्सीय जाँच की व्यवस्था करते हैं ।
    परिणाम Result प्राथमिक उपचार का प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया गया ।
    नोट : यह प्रश्न विभिन्न स्रोतों से तथ्य एकत्रित कर बनायीं गयी है | यदि इसमें कोई त्रुटी पायी जाती है तो RMM Study संचालक की जिम्मेदारी नहीं होगी

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